शुक्रवार, १७ फेब्रुवारी, २०१७

सुस्वागतम्


 नमस्कार,
मी अनिल गडाख माझ्या ब्लॉगवरती आपल्या सर्वांचे स्वागत करतो.

आजचा संदेश-----!

कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती...
लहरों से डरकर नौका पार नही होती,
कोशीश करने वालोंकी कभी हार नहीं होती।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
गिरकर चढना, चढकर गिरना न अखरता है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नही होती,
कोशीश करने वालोंकी कभी हार नही होती।

डुबकियाँ सिधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नही सहज मोती, गहरे पाणी में,
बढता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुठ्ठी उसकी खाली हर बार नही होती,
कोशीश करने वालोंकी कभी हार नही होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्विकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, निंद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोडकर मत भागो तुम।
कुछ किए बिना ही जयजयकार नहीं होती,
कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती।
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संकलनः- अनिल गडाख.





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  नमस्कार , मी अनिल गडाख माझ्या ब्लॉगवरती आपल्या सर्वांचे स्वागत करतो. आजचा संदेश-----! कोशीश करने वालों की कभी हार नही होती....